टूटे सपने
ख्वाहिशें दम तोड़ देती है अक्सर
फैसले बदल जाते है भावनाओ में बहकर
एक भविष्य सोचा था हमने
पर डर लगने लगा है रह रहकर
मन में ख्याल उमड़ने लगे है
हम भी मन को अब समझाने लगे है
चेहरे से उदासी हटती ही नहीं है
हम भी मन को अब समझाने लगे है
चेहरे से उदासी हटती ही नहीं है
रह रहकर सपने डराने लगे है
मन की बातें होंठों पर कैसे लाऊ
अपने दिल को कैसे समझाऊ
आँखें अब पलकें भिगाने लगी है
बातें अब कच्ची लगने लगी है
मन की बातें होंठों पर कैसे लाऊ
अपने दिल को कैसे समझाऊ
आँखें अब पलकें भिगाने लगी है
बातें अब कच्ची लगने लगी है
समझ नहीं आता जुबान क्यों चुप है
खामोशी क्यों दिल में गुपचुप है
खुद की आवाज महसूस नहीं होती
क्यों ज़िन्दगी इतनी है खोती
खुद की आवाज महसूस नहीं होती
क्यों ज़िन्दगी इतनी है खोती
कभी कभी सोचती हु मन में
क्या आ पायेंगी खुशिया मेरे जीवन में
क्या आ पायेंगी खुशिया मेरे जीवन में
खुशियों से डर लगने लगा है अब
हमेशा नज़र लगती है इनको तब
जब भी मुझे ये महसूस होती है
करीब आकर हमेशा दूर होती है :'(
by- neha sharma
हमेशा नज़र लगती है इनको तब
जब भी मुझे ये महसूस होती है
करीब आकर हमेशा दूर होती है :'(
by- neha sharma