नज़रें
तेरी नज़रें सवाल करती है
हर रोज़ बव्वाल करती है
कहीं रूठ न जाये तू मुझसे
मै बहाना उतना बनाती हु तुझसे
तेरी नज़रें सवाल करती है
हर रोज़ बव्वाल करती है
मै निगाहें बचाती हु जब
तू और करीब आता है तब
मुझे दर्द दे जाता है सीने में इतना
की सहना मुश्किल हो जाता है तब
तेरी नज़रें सवाल करती है
हर रोज़ बव्वाल करती है
By neha sharma