Saturday 13 October 2012

एक हसीना

एक हसीना 



फूलों जितनी नाजुक है वो कोई उसको मत छुना

भगवान् ने उसको है सिर्फ मेरे लिए चुना 

उसकी परछाई भी न पड़े मेरे सिवा किसी पर 

जान भी दे दू मै उसकी एक हंसी पर 


पर वो हसीना मुझे प्यार से एक बार थाम ले  

अपने प्यार का मुझे एक जाम दे 

आरज़ू है उसके दिल के करीब जाने की 

उसको दिल से अपना बनाने की 


by neha sharma

English translation of poem
A BEAUTY

"she is soft as flower, don't try to touch her anyone.
God choose her only for me,
I cant share shadow of her with anyone.
I can give my life on cute smile of her....
but once she will hold, my hand with love.
i wish she will give me drink of her love
i want to go near of her heart
i want to live with her now and forever....


thanx for read :)
"

कुछ बातें


कुछ बातें 



महक जाऊ मै अगर आप साथ हो 
तन्हाई दूर हो जाये अगर आप पास हो 
अकेले चलते चलते थक चुके है हम 
मजा आ जाए जीने का अगर हाथो में आपका हाथ हो 
ज़िन्दगी के सब पन्ने रंग जाये अगर आप पास हो 
आप हमें जान से भी ज्यादा प्यारे हो 
नहीं है किसी दौलत की हसरत हमे 
बस वो मिल जाये इतनी सी आस है 
मेरी दुनिया मेरी जिंदगी आपसे शुरू हो 
आप नहीं जानते की मेरे जीने का अह्सास हो 
मेरी ताकत सारी दुनिया की दौलत आप हो 
नहीं जानते आप की आप मेरे लिए कितने ख़ास हो 
ठुकरा दू जन्नत भी आपके सामने 
आप मेरे जीने का वो हसीं अंदाज़ हो 
मेरे लिए क्या हो आप लफ्ज़ नहीं बयां करने को  
लेकिन बस इतना की हर पल मेरे दिल के पास हो 
By Neha Sharma

translation of the poem 

Few thoughts


fragrance will come from me if you are with me,
my loneliness will be moved away if u r besides me,
i am tired of walking alone
Life will be delightful if my hands are in your hand
every page will be colorful of my life if u r close to me
i love u more than my life
i dont wish for any wealth
finding you is my only expectation
my world and life shall begin with you
you don't know that u r the essence of my existence
my power and the whole world money is you
you don't know for me how much special you are
i will even give up heaven for you
you are the charming style of my existence
for me what you are i dont have words to express 
only thing that every moment u r near to my heart

Thursday 11 October 2012

ख़ूबसूरती

my 12th class poem



खूबसूरती 



छूकर गुजरी हवा जो मन को 
लगा जैसे जान मिल गई जीवन को 
बाल खुल गए तब हवा के एक झोके से 
चूम लिया लटो ने गालो को धोखे से 
आँखों पर जैसे ओस कोई गिरी थी 
होंठो को छूकर जैसे वो भी गुजरी थी 
बालों को सँभालने के लिए ऊँगली जो छु गई 
मत हटाओ हमें चेहरे से ये ये लटाएं कह गई 
हमें लहराने दो आज पहरे पर 
मत हटाओ हमे इस फूल से नाज़ुक चेहरे से 
कभी हाथों ने नहीं छुआ इन नाज़ुक गालो को
आज बिखरे रहने दो इन लहराते हुए बालो को 
जब चले वो तो जमीं ये कहने लगी 
की आज तो मदहोशी हम पर भी छाने लगी 
कहने लगी छु लेने दो इन कोमल से पैरो को 
राज़ जो दिल में दबे है कह लेने दो 
फूलों ने कहा की बढ़कर हाथ आज थाम लो हमको 
कोमल से इन हाथो में पनाह दे दो इनको 
वो ख़ूबसूरती थाई या बिजलियों की चमकती परछाई 
हर कोई तरसता है इतना हुस्न वो कहाँ से लाई 
जन्नत की परी या कोई   अप्सरा हो तुम 
कभी मिलोगी क्या हमको ये सोचते है हम 

By neha sharma



Sunday 7 October 2012

क्यों वो


क्यों वो

वो इतना क्यों सँवरती है 
इतना कैसे निखरती है 
लगता है की जैसे वो 
परी सी मुझको लगती है 
कुछ  यु नज़रें झुकाती है 
की आँखें बात करती है 
मै जब भी करीब आता हु 
वो ऐसे सिमट जाती है 
क्यों मै उसमे डूब जाता हु 
क्यों वो इतना शरमाती  है
जैसे घटायें बादल में 
बरसती और थम सी जाती है 
 क्यों वो फूलों सी यूँ नाज़ुक है
क्यों वो काजल लगाती है 
की जैसे बिजलियाँ सैकड़ों 
मुझ पर गिर जाती है
लहराती है जब वो आँचल को 
क्यों दिल में कसक उठ जाती है 
क्यों दिल पर मेरे काबू नहीं 
क्यों हँसकर वो जाती है   
क्यों इतने बहाने बनाती है 
क्यों इस दिल को जलाती है 
मिलेगी तो  मै पूछुंगा की 
क्यों सजा मुझको दे जाती है
By nehasharma




Saturday 6 October 2012

मोहब्बत


मोहब्बत 


कहते है मोहब्बत दिलो को जोड़ देती है 
दूरियां जो दिलों में होती है उसको तोड़ देती है 
राह कैसी  भी हो इश्क करने वालो की 
उठे हुए तुफानो का रुख तक  मोड़ देती है
कही थोड़ी चिंगारी उठे उसे शोला बना देती है 
सुना है इश्क करने वालो को ये 
निखारकर सोना बना देती है 
जिस दिल में जली हो आग नफरत की 
उसे इश्क से बुझा देती है 
मोहब्बत करने वालो को ये करीब ले आती है 
दो दिलो को ये एक कर देती है 
दो ज़िन्दगी बदल देती है 
इश्क करने वालो को ये जीना सीखा देती है 
सुना है खुदा भी इबादत करता है इसकी 
इश्क करने वालो का ये अरमान बन जाती है 

By neha sharma







Tuesday 2 October 2012

दो फूल

दो फूल 


दो फूल थे एक डाली के 

खेलते थे एक साथ आँगन में माली के 
डरते न थे वो आंधी या तूफ़ान से 
लग गए हाथ वो एक दिन किसी किस्मत वाली के 
पर पता न था उनको की टूटकर मुरझा जायेगे 
किसी के बालो में तो किसी की राहों में सज जायेंगे 
जालिम के हाथ भी न काँपे थे 
वो दोनों फूल टूटने के बाद भी मुस्कुराये थे 
खुद तो फनाह हो गए किसी और की ख़ुशी के लिए 
वो दो फूल हर किसी को अपने कल की कहानी कह जाते थे 
दे गए सीख वो सबको जीने की 
खुद टूटकर दुसरो को ख़ुशी दे जाते थे 

by neha sharma

translation of the poem
two flowers
two flowers were of a branch
they were in a garden of the gardener
they weren't afraid of storm and wind
one day a lucky girl plucked them
they don't know that they would whither
and would be adorn in someones hairs or someones path
hands of that cruel person didn't shiver
both flowers were smiling even after detached
for someone else happiness they ruined
to everyone those two flowers used to tell their past story
they preached others how to live 
after self-destroyed they used to give happiness to others


चाहत

चाहत 

उनकी चाह इतनी थी की हमे उनके पास ले आई 
वो दूर थे मगर उनके पास होने का अहसास दिला लाई 
वो समय के साथ कदम से कदम मिलाते रहे
और हम समय को उनके करीब लाते रहे 
उनकी बातों में खुद को महसूस किया 
और वो हमी से नज़रे चुराते रहे 
एक दिन धुंध ही लिया हमने उनको दिल की गुमनाम गलियों में 
और वो देखकर हमे मुस्कुराते रहे 
चेहरे की हसी से दिल में छुपी हलचल जाहिर थी 
और वो हमारी ख़ुशी में दुनिया को भी भुलाते रहे

by neha sharma

Monday 1 October 2012

खामोशियाँ


           खामोशियाँ 


क्यों ये खामोशी का आलम इतना खलता है 
क्यों तन्हाई से दिल इतना जलता है 
कोई मेरे दिल को भी तो समझाए 
क्यों ये अकेलेपन से डरता है 
जैसे रात की चादर लपेटे कोई डर सता रहा है 
क्यों ये दिल इतना घबराता है 
कहीं हलचल सी हो तो काप उठता है मन 
क्यों इतने बोझ से बोझिल होता है 
खामोश रातें खामोश दिन है मेरे 
क्यों ये दिल के अंधरे को चीर नहीं पाता  है 
क्यों इस कदर मजबूरियाँ है 
क्यों इस कदर ये दूरियां है 



By Neha Sharma