काश
कहीं दूर एक परछाई नज़र आती है .
मुझे उसकी आँखों में क्यों तन्हाई नज़र आती है
वो आजाए करीब तो राज़-ऐ -दिल खोल दूँ
मन में जो है सब उसको बोल दूँ
पर वो नासमझ मोहब्बत को नहीं समझती है
मोहब्बत है रेत के जैसे वो सबको ये कहती है
कौन समझाए उसको ये खूबसूरत सी बात को
क्यों नहीं समझती है वो आखिर मेरे जज्बात को
By- neha sharma