Friday 17 August 2012

मजबूरी दिल की



मजबूरी दिल की 

मोहब्बत की तो बहुत पर बता न सके 

अपने दिल की बात उनको जता न सके

सोचते रह गए की बोल देंगे एक दिन सब उनको 

पर इस दिल के अरमान हम जता ना सके 

खुशबु से उनकी दिल महक जाता है अक्सर 

पर सामने आने पर हाले दिल अपना सुना न सके 

सोचते है अक्सर तन्हाई में उनके बारे में 

पर हाल क्या है हमारा उनके बिन ये बता न सके 

ज़िन्दगी खूबसूरत होती अगर वो पास होते अभी 

मगर ये बात हम उनको बता न सके 

मिल जाओ मुझको जिंदगी संवर जाये मेरी

बस इतनी सी बात उनको समझा ना सके 

by- neha sharma



Tuesday 14 August 2012

श्री कृष्णा



श्री कृष्णा 


गोपियों संग रास राचावे 

माखन चोरी करके खावे 

इसकी दीवानी ब्रिज की हर बाला 

अपनी बांसुरी की धुन पे सबको नचावे 

लीला इसकी सबसे न्यारी 

अपनी बातों से सबको रिझावे 

वो है गोकुल का ग्वाला 

जिसका दुनिया कृष्ण नाम बतावे

देखो फिर से आया कान्हा 

फिर से शायद हमे सतावे 


by- neha sharma



Saturday 4 August 2012

सुहाना वक्त

                                          

                             सुहाना वक्त 

कुछ ओस जमी थी पत्तोंपर कुछ दिल में अरमान पनपे थे ,

एक पल वो भी था जब हम खोये खोये रहते थे
  
कुछ अच्छा नहीं लगता था बिन उनके 

कुछ सहमे सहमे रहते थे 

हर पल याद उनको करते थे 

उनके दिल में हम भी रहते थे  

कहते थे लोग पागल हमको 

और हम हंसकर उड़ा दिया करते थे 

पूछते थे वो वजह प्यार की 

और हम बिन बात के मुस्कुरा दिया करते थे 

कभी वो हमको छेडा करते थे 

कभी हम नाराज़गी दिखा दिया करते थे 

सोच में पड जाते थे कई बार 

लेकिन उनको मना लिया करते थे 

वक्त वो खूबसूरत था 

हम यादो की माला बना लिया करते थे 

by- neha sharma