Sunday 30 September 2012

कुछ कही कुछ अनकही बातें


कुछ कही कुछ अनकही बातें 

जिंदगी की किताब अधूरी थी कभी 
उम्मीदें भी उनसे जुडी थी सभी 
कभी खालीपन अधुरा लगता था 
कभी तन्हाई बिखरी थी वही 
राह की कुछ उची नीची सी जमीन पर 
चलते रुकते थे कदम कभी 
कभी शाखाओं के जोर से 
पत्तों की सरसराहट खोटी थी कभी 
जिंदगी की इन्ही सब बातों ने 
अहमियत दे दी जीने की सभी

By Neha Sharma



Tuesday 25 September 2012

मेरा चाँद


मेरा चाँद 


चाँद को नाज़ होगा खुद पर
लेकिन एक चाँद हमारे पास भी है
होंगे लाख सितारे उसके आस पास
लेकिन वो एक चाँद हमारे लिए ख़ास है 
बिखेरता होगा बेशक वो चांदनी तारो की सहमति  से
उसे क्या पता उस चाँद की चांदनी उससे भी बिंदास है 
वो चाँद होता होगा उदास मेरे चाँद को देखकर 
उसे क्या मालुम की मेरा चाँद मेरे दिल के कितने पास है  

by- neha sharma


poem translation
my moon (sweetheart)

moon will proud to himself
but i have a moon 
may be there will many stars nearby him
but that one moon is special for me
it is doubtless that he will take permission for the light from stars
he dont know that moon light is awsome more then that
that moon will feel sad to see my moon 
he dont know my moon is very close to my heart