कुछ कही कुछ अनकही बातें
जिंदगी की किताब अधूरी थी कभी
उम्मीदें भी उनसे जुडी थी सभी
कभी खालीपन अधुरा लगता था
कभी तन्हाई बिखरी थी वही
राह की कुछ उची नीची सी जमीन पर
चलते रुकते थे कदम कभी
कभी शाखाओं के जोर से
पत्तों की सरसराहट खोटी थी कभी
जिंदगी की इन्ही सब बातों ने
अहमियत दे दी जीने की सभी
अहमियत दे दी जीने की सभी
By Neha Sharma