बुड्ढे बुढिया का प्रेम प्रसंग
एक बुढ्ढे को बुढ़ापे में इश्क का बुखार चढ़ गया,
बुढिया को जीन्स टॉप पहनाकर बियर बार में ले गया,
बोला आज की पीढ़ी ऐसे ही रोमांस करती है,
तू भी पी ले बियर थोडा कम चढ़ती है,
बुड्ढे ने इतना बोला की बुढिया इतना शरमा गयी,
बोली जाने दो मिनरल वाटर दे दो दांतों में अब कम ताकत आ गयी,
बुद्धा बोला चल छोड़ अब डिस्को चलते है,
वहां चलकर न्यू मैरिड कपल की तरह डांस करते है,
बुढिया बोली डांस तो मै कर लुंगी,
तुझे बाहों में भी भर लुंगी,
पर ये बता बीच में लुढ़क गयी तो क्या करेगा,
मुझे समेटकर घर तक कैसे लायेगा,
बुड्ढे ने बहुत सोच विचारकर बोला चलो छोड़ो,
रुख अपना जरा दूसरी तरफ मोड़ो,
चल डेट पर चलते है,
इसी बहाने लॉन्ग ड्राइव साथ मे करते है,
बुढिया ने फिर बात को तवज्जो देते हुए बोला,
काहे को करते हो बुढ़ापे में एक्सीडेंट का झोला,
लॉन्ग ड्राइव पर लेकर तो जाओगे,
पर क्या इन कांपते हाथो से ड्राइव कर पाओगे,
मुझे तो अभी आखिरी लॉन्ग ड्राइव पर जाना है,
घर पर बैठकर भगवान् का ध्यान लगाना है,
छोड़ो इन सब बातों को हरी का नाम लेते है,
घर बैठकर माला जपते है,
बेचारा बुड्ढा रोमांस का ख्वाब लेकर रह गया,
और बुढिया ने चालाकी से उसके सब प्लान पर पानी फेर दिया,
अंत में बुड्ढे ने सोचा की बुढिया ठीक कहती है,
भावना की हर नदी उम्र के दायरे में बहती है,
अंत में बुड्ढे ने सोचा की बुढिया ठीक कहती है,
भावना की हर नदी उम्र के दायरे में बहती है,
By नेहा शर्मा
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