Monday 15 May 2017

माँ बेटी की अनोखी बातें


माँ बेटी की अनोखी बातें 



(बेटी )
देखो माँ मैंने अभी सांस ही भरी है
तेरे आँचल की छाँव में आना अभी बाकी है
न करो मुझे अलग तुम खुद से अभी तुम्हारा प्यार पाना बाकी है
पापा को कभी बेटे की कमी महसूस नहीं होने दूंगी वादा करती हूँ तुमसे
मुझमे अभी आपके छूने का अहसास समाना अभी बाकी है
देखना है मुझे अभी ममता का सागर तुम्हारी आँखों में
की मुझे अभी आप पर अपना हक जताना बाकी है
मत मारो मुझे अपनी ही कोख में
मै भी सिसकती हूँ दुःख से ये बताना अभी बाकी है

(माँ )

बेटी है तू मेरी कैसे सोच भी लूँ की दूर कर दूँ तुझे
की मेरी अंतरात्मा को मारना अभी बाकी है
छिल गए हैं मेरे जख्म और भी इस बेरहम दुनिया से
तुझे बचाकर इस ज़माने से छिपाना अभी बाकी है
बेरहम है यहाँ लोग नहीं छोड़ेंगे तुझे
मेरे दिल के जख्म तुझे दिखाना अभी बाकी है
बहुत सहा है मैंने ये लड़की बनकर
तू मत आ यहाँ तुझे ये बताना अभी बाकी है
तू बहुत भाग्यशाली है मेरी बच्ची
मै ही बेटी की माँ बनने लायक नहीं ये बताना अभी बाकी है
तू मेरी शक्ति है कैसे समझाऊ तुझे
बस ये दरिंदो से तुझे बचाना अभी बाकी है

(बेटी )

समझ गयी हूँ माँ मै तेरी मजबूरी को
तेरी हर इच्छा का दम घोंटना अभी बाकी है
तू बहुत प्यारी है माँ जान गयी हूँ मै
पर इस समाज की जंजीरों से मेरा ही दूर जाना बाकि है
मै नहीं आउंगी कभी इन जानवरों की की ज़िन्दगी में माँ
की मेरा अलविदा कहना अभी बाकी है


इतना कहकर दम तोड़ दिया उस नन्ही सी जान ने तभी
अब नहीं नज़र आएगी उस आँगन में वो फूल सी कली
अरे तुम क्या जानो बेटी गुरुर होती है माँ बाप का
तुम लोगो ने तो देखा है बस काला साया रात का
नहीं समझ पाओगे कभी बेटी की अहमियत को
खुद ही मार डाला है खुद की इंसानियत को
कितना गिराओगे नीचे खुद को
एक दिन हिसाब देना होगा खुद  जाकर रब को
उस दिन सर झुकाकर खड़े मत रहना
खुदा के हर सवाल का जवाब देना
by नेहा शर्मा





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